सहारनपुर में घर में घुसकर की गई थी पत्रकार और उनके भाई की हत्या, फरार चल रहे हैं चारों आरोपित
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
सहारनपुर में कूड़ा डालने के विवाद में दैनिक जागरण के पत्रकार आशीष कुमार धीमान और उनके भाई आशुतोष कुमार धीमान की हत्या के मामले में पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपितों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है।
पुलिस की कई टीमें संभावित स्थानों पर दबिश देकर आरोपितों की तलाश में जुटी हुई हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद भी ली जा रही है। पुलिस ने इस मामले में किसी तरह का शराब माफिया कनेक्शन होने से इनकार किया है। वहीं सोमवार को आशीष और उनके भाई का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान तमाम पत्रकारों के अलावा सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी सहित पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे।
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एसएसपी के अनुसार, इस मामले में आरोपित महिपाल, उसके बेटे गौरव, सूरज और सन्नी के खिलाफ 25-25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा कर दी गई है और आरोपितों के कुछ रिश्तेदारों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, महिपाल की पत्नी विमलेश व बेटी वर्षा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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गौरतलब है कि मौहल्ला माधव नगर में रहने वाले आशीष व उनके भाई की पड़ोस में रहने वाले महिपाल से लड़ाई हो गई थी। इसके बाद आरोपितों ने घर में घुसकर आशीष व उनके भाई की हत्या कर दी थी। आशीष दैनिक जागरण से पहले हिन्दुस्तान और जनवाणी अखबार में भी काम कर चुके थे।
चुनाव समिति के मुताबिक, आगामी कार्यकाल 2025–26 के लिए संजय कपूर को अध्यक्ष, राघवन श्रीनिवासन को महासचिव और टेरेसा रहमान को कोषाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध रूप से चुना गया है।
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देश में संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (EGI) में नए पदाधिकारियों का चुनाव कर लिया गया है। चुनाव समिति की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, नए पदाधिकारियों के चुनाव की प्रक्रिया 19 नवंबर 2025 को पूरी हो गई।
इस बार अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के सभी पदों पर केवल एक-एक नामांकन मिलने के कारण किसी तरह के मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। चुनाव समिति के मुताबिक संजय कपूर को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया था। उनका नाम मोनू नलपत ने प्रस्तावित किया और सीमा मुस्तफा ने इसका समर्थन किया।
महासचिव पद के लिए राघवन श्रीनिवासन का नाम प्रस्तावित किया गया, जिसे भारत भूषण ने आगे बढ़ाया और सिद्धार्थ वरदराजन ने इसका समर्थन किया। कोषाध्यक्ष पद के लिए टेरेसा रहमान का नामांकन दाखिल हुआ। उनका प्रस्ताव सुरेश बाफ़ना ने किया और कुमकुम चड्ढा ने समर्थन किया।
चुनाव समिति के संयोजक राजदीप सरदेसाई और सदस्य विजय नाइक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, चूंकि इन तीनों पदों के लिए कोई अन्य नामांकन प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए पूरा पैनल बिना किसी मुकाबले (Unopposed) निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। चुनाव समिति ने नए पैनल को आगामी कार्यकाल 2025–26 के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक अविनाश पांडेय आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
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भारतीय ब्रॉडकास्टिंग के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक अविनाश पांडेय आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। लगभग तीन दशक के लंबे करियर में उन्होंने न्यूजरूम, नीतियों और मीडिया इंडस्ट्री के काम करने के तरीके को नई दिशा दी है।
एबीपी नेटवर्क के साथ उनकी लंबी पारी ने उन्हें देश के सबसे भरोसेमंद मीडिया लीडर्स में शामिल किया। पहले COO और फिर CEO बनने तक, अविनाश पांडेय ने एबीपी को लगातार बदलते मीडिया माहौल में न सिर्फ संभाला बल्कि डिजिटल दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया। उनके नेतृत्व में एबीपी और अधिक चुस्त, डिजिटल-फ्रेंडली और मल्टी-प्लैटफॉर्म न्यूज पावरहाउस बनकर उभरा।
इस साल उन्होंने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के सेक्रेटरी जनरल की जिम्मेदारी संभाली, जो टीवी ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का शीर्ष संगठन है। जुलाई 2025 में वे लक्ष्य मीडिया ग्रुप में बतौर डायरेक्टर जुड़े, जहां उन्होंने कंपनी की OOH और इंटीग्रेटेड मीडिया रणनीतियों को और मजबूत किया। साथ ही वे प्राइमस पार्टनर्स में सीनियर एडवाइजर- मीडिया प्रैक्टिसेज की भूमिका भी निभा रहे हैं।
इंडस्ट्री में अविनाश पांडेय की पहचान उनकी रणनीतिक सोच और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय सहभागिता के लिए है। वे IAA (इंडिया चैप्टर), न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन, FICCI और ASSOCHAM जैसे प्रमुख संगठनों से जुड़े रहे हैं और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कई समितियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञापन, रेगुलेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर उनकी समझ हमेशा उद्योग के लिए मार्गदर्शक रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जिक्यूटिव एजुकेशन हासिल करने वाले पांडेय शैक्षणिक गहराई और भारतीय मीडिया बाजार की समझ का बेहतरीन मेल प्रस्तुत करते हैं। वैश्विक अनुभव और जमीनी कामकाज ने उन्हें ब्रांड बिल्डिंग, दर्शक समझ और मीडिया सुधार में एक विश्वसनीय आवाज बनाया है।
उनके जन्मदिन पर मीडिया जगत के कई लोग उन्हें खास शुभकामनाएं दे रहे हैं।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने दिल्ली में आयोजित ‘साहित्य आजतक’ के आठवें संस्करण का उद्घाटन किया।
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‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने कहा कि साहित्य जीवन की नाज़ुक डोरों को जोड़ने का काम करता है। वह दिल्ली में आयोजित ‘साहित्य आजतक’ के आठवें संस्करण का उद्घाटन कर रही थीं, जहां साहित्य, कला और संगीत जगत की कई नामी हस्तियों ने हिस्सा लिया।
कली पुरी ने अपने संबोधन में जीवन की अनिश्चितता पर भी बात की और साल 2025 में हुई कुछ दुखद घटनाओं जैसे- पाहलगाम आतंकी हमले से लेकर अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना का जिक्र भी किया।
कली पुरी का कहना था कि वर्ष 2025 की शुरुआत भारत के लिए बेहद दर्दनाक रही। साल की शुरुआत में ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जब मासूम सैलानियों पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस घटना में 26 लोगों की मौत हो गई। इसके दो महीने बाद एक और बड़ी दुर्घटना हुई, जब अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गई, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई।
कली पुरी ने कहा कि ऐसी घटनाएं हमें यह एहसास कराती हैं कि जिंदगी कितनी नाजुक है। उन्होंने किशोर कुमार के मशहूर गाने की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा—‘जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना।’ जीवन की इस अनिश्चितता के बीच कली पुरी ने यह भी बताया कि साहित्य कैसे रिश्तों को मजबूत बनाने और जीवन को बेहतर दिशा देने में मदद करता है।
इस स्कीम के तहत BCCL के EIBME बिजनेस यूनिट को अलग कर THPL में शामिल किया जाएगा।
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मुंबई स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बेनेट, कोलमन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) और उसकी 100% सहायक कंपनी टाइम्स होराइजन प्राइवेट लिमिटेड (THPL) के बीच चल रही बड़ी कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह आदेश 19 नवंबर 2025 को जारी हुआ।
इस स्कीम के तहत BCCL के EIBME बिजनेस यूनिट को अलग कर THPL में शामिल किया जाएगा। यानी यह पूरा बिजनेस अब THPL में चला जाएगा और कंपनी को नए स्ट्रक्चर के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। डिमर्जर की प्रभावी तारीख 1 अप्रैल 2026 या स्कीम लागू होने की तारीख होगी, जो भी पहले आए।
कंपनी की ओर से बताया गया कि BCCL का कामकाज कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिनमें अखबार व डिजिटल पब्लिशिंग, टीवी, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्लासीफाइड, एंटरटेनमेंट, इवेंट्स, फिनटेक, एजुकेशन, गेमिंग, आउटडोर ऐडवर्टाइजिंग और इन्वेस्टमेंट आदि। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है- पब्लिशिंग बिजनेस और EIBME बिजनेस।
कंपनी का तर्क है कि इतने बड़े और विविध कारोबार को बेहतर ढंग से चलाने के लिए अलग फोकस, जोखिम प्रबंधन और पूंजी निवेश की जरूरत है। इसी वजह से ग्रुप को दो अलग-अलग वर्टिकल्स में बांटने का फैसला लिया गया, ताकि काम और तेजी से आगे बढ़ सके और निवेशकों तक पहुंच आसान हो सके।
डिमर्जर के बाद THPL में कुछ शेयर नए तौर पर जारी कर संमती प्रॉपर्टीज लिमिटेड को दिए जाएंगे, ताकि निर्दिष्ट शेयरधारक समूह कुल 50.05% वोटिंग राइट्स संभाल सके।
स्कीम को लेकर सभी 11 BCCL शेयरधारकों और THPL के सभी 7 शेयरधारकों ने लिखित मंजूरी दे दी है। साथ ही BCCL के 3,833 अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स में से 90% से ज्यादा, जिनकी कुल देनदारी 549 करोड़ रुपये से ऊपर है, उन्होंने भी सहमति दी। इसलिए शेयरधारक और क्रेडिटर मीटिंग की जरूरत नहीं पड़ी।
NCLT ने अब कंपनियों को संबंधित सरकारी विभागों- रीजनल डायरेक्टर, ROC, इनकम टैक्स, GST, CCI और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। इन विभागों के पास आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिन का समय है।
इन औपचारिकताओं के साथ, NCLT ने स्कीम को अगले चरण में बढ़ने की अनुमति दे दी है और अब डिमर्जर की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
इस नियुक्ति से पहले दुर्गा चक्रवर्ती ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
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‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने कंपनी की क्षेत्रीय विकास रणनीति को मजबूती प्रदान करने के लिए दुर्गा चक्रवर्ती को कॉरपोरेट सेल्स हेड (साउथ इंडिया) के पद पर नियुक्त किया है।
इस नियुक्ति से पहले दुर्गा चक्रवर्ती ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत थीं, उन्होंने SAB TV, FTA, किड्स और इंग्लिश क्लस्टर सहित कई प्रमुख वर्टिकल्स को संभाला। बिजनेस डेवलपमेंट, क्षेत्रीय बाजार विस्तार, क्लाइंट रिलेशनशिप और स्ट्रैटेजिक प्लानिंग में दुर्गा चक्रवर्ती को गहरी समझ और विशेषज्ञता है।
दुर्गा को ब्रॉडकास्ट, प्रिंट, रेडियो और डिजिटल मीडिया में 20 साल से ज्यादा अनुभव है। उन्होंने भारत और अमेरिका दोनों जगह काम किया है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने लगातार ग्रोथ इनिशिएटिव्स का नेतृत्व किया, मजबूत टीमें तैयार कीं और प्रभावी कंटेंट एवं सेल्स स्ट्रैटेजी को नया आकार दिया है।
अब अपनी नई भूमिका में, वह रणनीतिक व्यावसायिक पहलों का नेतृत्व करेंगी, ग्राहक-केंद्रित प्रक्रियाओं को मजबूत बनाएंगी, उच्च प्रदर्शन वाली टीमों का निर्माण करेंगी और प्रभावी एवं मूल्य-आधारित समाधान प्रदान करने के डीबी कॉर्प के मिशन को आगे बढ़ाएंगी। उनकी नेतृत्व क्षमता से क्षेत्र में कंपनी के नवाचार और मार्केट में उपस्थिति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
दुर्गा चक्रवर्ती कंपनी के सीओओ (कॉर्पोरेट सेल्स) मयार पेनकर को रिपोर्ट करेंगी। इस नियुक्ति के बारे में पेनकर ने कहा, ‘दुर्गा की नियुक्ति दक्षिण भारत में डीबी कॉर्प की योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके गहन अनुभव, मजबूत टीम-बिल्डिंग कौशल और क्लाइंट-फर्स्ट अप्रोच से इस क्षेत्र में नई उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त होगा।’
इसके साथ ही वह चीफ ग्रोथ ऑफिसर (Media & Entertainment) के पद पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
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देश के प्रमुख मीडिया समूहों में शुमार ‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) ने आशीष सहगल को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (टाइम्स टेलिविजन नेटवर्क) और चीफ ग्रोथ ऑफिसर (Media & Entertainment) के पद पर नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति एक दिसंबर 2025 से प्रभावी होगी। वह नोएडा से अपना कामकाज संभालेंगे। बता दें कि समाचार4मीडिया ने सबसे पहले यह खबर ब्रेक की थी।
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इस बारे में टाइम्स ग्रुप की ओर से जारी इंटरनल नोट में कहा गया है, ‘आशीष सहगल ‘द टाइम्स ग्रुप’ के ग्रुप सीईओ श्री एन. सुब्रमणियन के मार्गदर्शन में काम करेंगे। हम रोहित गोपाकुमार के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अंतरिम अवधि के दौरान दृढ़ नेतृत्व प्रदान किया, बिजनेस की निरंतरता सुनिश्चित की और टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण समय में विकास की गति बनाए रखी। रोहित डिजिटल, WWM और इवेंट्स बिज़नेस के साथ-साथ अपने अधीन अन्य प्रमुख पहलों का नेतृत्व जारी रखेंगे। इसके अतिरिक्त, वे हेल्थकेयर और पिकलबॉल जैसे नए क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक पहल को आगे बढ़ाने पर और अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।’
इस नोट में यह भी कहा गया है, ‘सीईओ के रूप में अपनी भूमिका में आशीष हमारे टेलीविजन चैनलों (न्यूज और एंटरटेनमेंट) की वृद्धि और रणनीतिक दिशा का नेतृत्व करेंगे। प्लेटफॉर्म्स के बीच सामंजस्य को आगे बढ़ाएंगे और मीडिया परिदृश्य में नेटवर्क की नेतृत्वकारी स्थिति को और मजबूत करेंगे। चीफ ग्रोथ ऑफिसर (मीडिया एवं एंटरटेनमेंट) के रूप में वह विकास के अवसरों और नए राजस्व स्रोतों की पहचान करेंगे, रणनीतिक साझेदारियां स्थापित करेंगे, विविधीकरण और नवाचार एजेंडा को आकार देंगे तथा मौजूदा और उभरती परिसंपत्तियों से मूल्य सृजित करेंगे।’
बता दें कि आशीष सहगल को मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। नवंबर 2025 तक आशीष सहगल ZEE में ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर थे। वहां उन्होंने टीवी चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म Zee5 और स्पेशल IPs के जरिए कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ को मजबूती दी। मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सहगल ZEE के रेवेन्यू मॉडल को एकीकृत और प्लेटफॉर्म-एग्नॉस्टिक बनाकर बड़े बदलाव ला चुके हैं। वह ILT20 क्रिकेट लीग के बिजनेस हेड भी रहे और 2015 से 2020 के बीच Zee Unimedia के COO के तौर पर ZEEL और ZMCL के लिए तेज रेवेन्यू ग्रोथ दिलाई।
तुषार शाह का SPNI के साथ सफर लगभग दो दशक का रहा है। उन्होंने पहली बार 2002 से 2005 तक सोनी के साथ काम किया था और फिर दोबारा जुड़कर कुल मिलाकर 19 साल से ज्यादा समय कंपनी को दिए।
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सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) से बड़ी खबर आई है। कंपनी ने घोषणा की है कि तुषार शाह, जो अभी CMO और बिजनेस हेड (मूवीज, रीजनल, FTA और इंफोटेनमेंट चैनल्स) हैं, जल्द ही कंपनी से अलग हो जाएंगे। वह 31 मार्च 2026 तक अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे और तब तक ट्रांजिशन प्रोसेस में भी मदद करेंगे।
तुषार शाह का SPNI के साथ सफर लगभग दो दशक का रहा है। उन्होंने पहली बार 2002 से 2005 तक सोनी के साथ काम किया था और फिर दोबारा जुड़कर कुल मिलाकर 19 साल से ज्यादा समय कंपनी को दिए।
तुषार शाह के पास 30 साल से ज्यादा का अनुभव है जिसमें प्रिंट, टेलीकॉम और मीडिया जैसे सेक्टर शामिल हैं। SPNI में उन्होंने सोनी मैक्स, मैक्स 2, सोनी पल्स, सोनी वाह, सोनी मराठी, सोनी आठ, सोनी पिक्स और सोनी BBC अर्थ जैसे बड़े और अलग-अलग तरह के चैनलों की ब्रैंड और बिजनेस रणनीति संभाली।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में यह रही कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान Sony AATH चैनल को बहुत अच्छी तरह संभाला और उसकी हालत सुधारी। उनकी लीडरशिप में यह चैनल इतना मजबूत हो गया कि पिछले 10 साल से लगातार मुनाफा कमा रहा है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी और इंग्लिश मूवी चैनल्स, रीजनल नेटवर्क, FTA और इंफोटेनमेंट क्लस्टर को भी तेजी से बढ़ाया।
तुषार शाह की लीडरशिप में ही SPNI का पूरा नेटवर्क रीब्रैंड हुआ था, जो चैनलों की शुरुआत के बाद पहली बार एक बड़ा ब्रैंड रिफ्रेश था। उनकी लीडरशिप दर्शकों को समझने, ब्रैंड मजबूत बनाने और हर जॉनर में लगातार बेहतर काम करने का उदाहरण रही है।
SPNI के MD और CEO गौरव बनर्जी ने कहा, “तुषार SPNI के लिए कई सालों तक एक मजबूत स्तंभ रहे हैं। उन्होंने हमारे कई बड़े ब्रैंड और बिजनेस माइलस्टोन में अहम भूमिका निभाई है। उनकी सोच, नेतृत्व और कंज्यूमर-फर्स्ट एप्रोच ने कई पोर्टफोलियो को नई दिशा दी है। हम उनके योगदान के लिए आभारी हैं और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”
तुषार शाह ने भी कंपनी के साथ अपने लंबे सफर पर खुशी जताते हुए कहा, “SPNI मेरे प्रोफेशनल जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है। यहां मुझे जो भरोसा, मौके और रिश्ते मिले, वे हमेशा मेरे साथ रहेंगे। अद्भुत टीमों के साथ काम कर पाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अब मैं नए अवसरों को तलाशने की तरफ बढ़ रहा हूं, लेकिन यहां की सीख और यादें हमेशा याद रहेंगी।”
कंपनी जल्द ही बताएगी कि उनकी जगह कौन लेगा।
सारेगमा इंडिया लिमिटेड ने अपनी सब्सिडियरी Pocket Aces Pictures Pvt. Ltd. (PAPPL) के जरिए Finnet Media Private Limited को खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
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Vikas Saxena
सारेगमा इंडिया लिमिटेड (Saregama India Limited) ने अपनी सब्सिडियरी Pocket Aces Pictures Pvt. Ltd. (PAPPL) के जरिए Finnet Media Private Limited को खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। कंपनी ने बताया कि 19 नवंबर 2025 को Finnet के सभी 3 लाख शेयर उसके पुराने प्रमोटर्स से खरीद लिए गए हैं, जिसके बाद Finnet अब पूरी तरह Pocket Aces के स्वामित्व वाली सब्सिडियरी बन गई है।
यह अधिग्रहण पहले 25 सितंबर 2025 को घोषित किया गया था, जब सारेगमा के बोर्ड ने इस डील को मंजूरी दी थी। इस डील की कुल कीमत करीब ₹8.70 करोड़ तय की गई थी। इसके तहत अगले दो साल पूरे होने पर Pocket Aces, Finnet Media के 2,88,235 ऑप्शनली कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर (OCPS) भी खरीदेगी।
Finnet Media का बिजनेस और फायदा
Finnet Media एक तेजी से बढ़ती डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है, जो इंफ्लुएंसर मार्केटिंग, सोशल मीडिया कैंपेन्स और क्रिएटर-टैलेंट मैनेजमेंट का काम करती है। 2022 में बनी इस कंपनी ने FY24 में ₹23.04 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया था। इसका मजबूत नेटवर्क खास तौर पर फाइनेंस, हेल्थ और इंफोटेनमेंट सेक्टर में है।
Pocket Aces की डिजिटल पहुंच और रणनीति
Pocket Aces पहले से ही युवाओं के लिए वेब सीरीज, शॉर्ट वीडियो और डिजिटल कंटेंट बनाने में बड़ी पहचान रखती है। Finnet को खरीदने से Pocket Aces अपने इंफ्लुएंसर और टैलेंट मैनेजमेंट वर्टिकल को और मजबूत कर सकेगी। दोनों कंपनियां एक ही सेक्टर में काम करती हैं, इसलिए इनके बीच अच्छे ऑपरेशनल फायदे और मार्केट पहुंच बढ़ने की उम्मीद है।
सारेगमा ने कहा कि सभी दस्तावेज और शर्तें पूरी होने के बाद यह अधिग्रहण 19 नवंबर से प्रभावी हो गया है।
टाइम्स टीवी नेटवर्क जल्द ही अपनी लीडरशिप में बड़ा बदलाव देखने वाला है।
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Samachar4media Bureau
टाइम्स टीवी नेटवर्क जल्द ही अपनी लीडरशिप में बड़ा बदलाव देखने वाला है। आशीष सहगल दिसंबर 2025 में नेटवर्क के नए CEO के तौर पर जुड़ने सकते हैं। उनकी एंट्री ऐसे वक्त पर हो रही है जब पिछले 12–18 महीनों से नेटवर्क निवेश और कामकाज को लेकर थोड़ी अनिश्चितता से गुजर रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो CEO के साथ-साथ वह मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस के चीफ ग्रोथ ऑफिसर की जिम्मेदारी भी संभालेंगे और सीधे विनीत जैन के साथ काम करेंगे।
अगस्त 2025 में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर वरुण कोहली के जाने के बाद से रोहित गोपाकुमार अंतरिम CEO के तौर पर काम संभाल रहे थे। सहगल के आने के बाद अब रोहित अपने पुराने रोल में लौट सकते हैं। इंडस्ट्री में माना जा रहा है कि सहगल का आना नेटवर्क के लिए स्थिरता और साफ दिशा लेकर आएगा।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, उनकी नियुक्ति टाइम्स टीवी नेटवर्क की नई महत्वाकांक्षा का साफ संकेत है। स्ट्रैटेजिक विजन, बड़े स्तर पर काम करने की क्षमता और मजबूत लीडरशिप स्टाइल के लिए जाने जाने वाले सहगल को कंपनी के लिए बड़ा टैलेंट माना जा रहा है। वह विनीत जैन और एन. सुब्रमणियन के साथ मिलकर नेटवर्क के अगले बड़े बदलावों की दिशा तय करेंगे। उनकी एंट्री से नेटवर्क में स्थिरता, तेज ग्रोथ प्लानिंग और अच्छे टैलेंट की वापसी की उम्मीद की जा रही है।
नवंबर 2025 तक आशीष सहगल ZEE में ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर थे। वहां उन्होंने टीवी चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म Zee5 और स्पेशल IPs के जरिए कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ को मजबूती दी। मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सहगल ZEE के रेवेन्यू मॉडल को एकीकृत और प्लेटफॉर्म-एग्नॉस्टिक बनाकर बड़े बदलाव ला चुके हैं। वह ILT20 क्रिकेट लीग के बिजनेस हेड भी रहे और 2015 से 2020 के बीच Zee Unimedia के COO के तौर पर ZEEL और ZMCL के लिए तेज रेवेन्यू ग्रोथ दिलाई।
टाइम्स नेटवर्क में उनके आने की खबर को कंपनी के अंदर और पूरी इंडस्ट्री में काफी पॉजिटिव तरीके से देखा जा रहा है। इस खबर को लेकर 'समाचार4मीडिया' ने आशीष सहगल से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन खबर लिखने तक फिलहाल वहां से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत जारी किए गए नए नियमों पर गंभीर चिंता जाहिर की है।
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Samachar4media Bureau
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत जारी किए गए नए नियमों पर गंभीर चिंता जाहिर की है। गिल्ड का कहना है कि नए नियमों में कई ऐसी कमियां हैं, जो पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।
गिल्ड का कहना है कि उन्होंने पहले भी सरकार को बताया था कि इस कानून में सूचना के अधिकार (RTI) को कमजोर किया गया है और पत्रकारों के लिए किसी स्पष्ट छूट (journalistic exception) का प्रावधान नहीं है। नए नियम आने के बाद भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है, जिससे कई अहम सवाल अनुत्तरित रह गए हैं।
जुलाई 2025 में हुई थी महत्वपूर्ण बैठक
जुलाई 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने मीडिया संगठनों के साथ बैठक की थी। उस दौरान मंत्रालय ने भरोसा दिया था कि पत्रकारिता से जुड़े काम इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे। लेकिन एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि आज तक इस बारे में कोई आधिकारिक लिखित स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया।
मीडिया संगठनों ने मंत्रालय को 35 सवालों और कई उदाहरणों के साथ एक दस्तावेज भी दिया था, ताकि नियमों में और स्पष्टता लाई जा सके, जैसे सहमति, डेटा एक्सेस, रिसर्च और रिपोर्टिंग से जुड़े मुद्दे।
एडिटर्स गिल्ड की मुख्य चिंता
एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि नए नियमों में कई बातें साफ नहीं हैं। सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं पत्रकारों के काम को "डेटा प्रोसेसिंग" की श्रेणी में न डाल दिया जाए, जिसमें रिपोर्टिंग करते समय भी सहमति (consent) लेनी पड़े। इससे खोजी पत्रकारिता और जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर असर पड़ सकता है।
एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि यदि नियमों में स्पष्ट छूट नहीं दी गई, तो मीडिया पर अनुपालन का बोझ बढ़ेगा, जिससे प्रेस की आजादी कमजोर होगी और लोकतंत्र को नुकसान पहुंच सकता है।
तुरंत स्पष्टिकरण की मांग
एडिटर्स गिल्ड ने सरकार से तुरंत यह स्पष्ट करने की मांग की है कि असली (bona fide) पत्रकारिता गतिविधियों को इन नियमों से अलग रखा जाए। गिल्ड का तर्क है कि डेटा सुरक्षा और गोपनीयता जितनी जरूरी हैं, उतनी ही जरूरी है प्रेस की स्वतंत्रता और जनता का जानने का अधिकार।